चेहरे

ख्वाबतले कुचले चेहरे देखे है
बिनबातके उजले चेहरे देखे है
छोडके रिवायत देखा जो मैंने,
अपनेही आप जले चेहरे देखे है

चेहरे चलते है चाल,
जीतते भी है बाज़ी,
जीतनेवाले चेहरोंपे लेकीन, घाँव गहरे देखे है!

चिपकाके चेहरेपर चेहरा,
उसको ही वजूद बताते है,
पौनीरातमें उसके सैंकडों, टुकडे बिखरे देखे है!

चेहरे खाली कैनवास,
चेहरे रंगोंका गोदाम है,
आँखोंकी ब्रशसे झाडो तो, वीराँ जझीरे देखे है!

— © विक्रम.
(www.vikramedke.com)

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