देवा..
जिंदगीसे हारके
या कोई बाजी मारके
जब आता हूँ तुम तक
तुम वैसे ही मिलते हो देवा..!
वही मुस्कुराहट
वही चरणोंमें राहत
तुम वैसेही दिखते हो देवा..!
शिकंजेमें फडफडाता पंछी
तुम दूर खडे हँसते हो
मैं हारकर बेबस हो जाऊँ
तो पंखोंमें आ बसते हो
और टूट जाता हैं शिकंजा
तुम खुशी बन चीखते हो देवा..!
तुम वैसेही मिलते हो देवा..!
वही मुस्कुराहट
वही चरणोंमें राहत
तुम वैसेही दिखते हो देवा..!
जिंदगी अंधेरी सुरंग जब
तुम दिलमें जलती मशाल हो
बवंडरमें फँस जाता हूँ
तुम भरोसेका भोकाल हो
तुम हौसलेका बनके दिया
इरादोंमें अमूमन जलते हो देवा..!
तुम वैसेही मिलते हो देवा..!
वही मुस्कुराहट
वही चरणोंमें राहत
तुम वैसेही दिखते हो देवा..!
– © विक्रम
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