जीवन त्रिविष्टप था..!!

Song : Ennodu Nee Irundhaal
Music : A. R. Rahman
Singers : Sid Sriram, Sunitha Sarathy
Film : I/Ai

The following is not a translation, but an independent song written by me on the tunes of “Ennodu Nee Irundhaal” & convey the same feel as the original song. You can call it as a ‘Hindi Cover Version’

पंख तो थे खोले उसने पर
वो अपनेही ख्वाबोंसे जल गया
हाँ.. उडने चला था वो पर
टूटा.. गिर गया..
दिलका पंछी मरता रहा, इतनाही बस कहता रहा..
जीवन त्रिविष्टप था, नर्क बना है जो तेरे बिन!

हो, सजनी रे अब ऐसे जीना नामुमकिन है
कौन हूँ मैं, क्या हूँ मैं, कहना भी मुश्क़िल है
मैं द्यु तू पृथिवी यह तय है, पर ओ पिया
राम और सिया को भी तो जगने जुदा किया था
जीवन त्रिविष्टप था..

बिरहा भीनी रातोंमें
कितनी यादें सुलगती है,
चाँद सिरहाने रखा तो
अन्तर्मन तक जलती है
दो दो चंदनी आँखोंका
मुझको टोणा लग जाए,
जीनेकी परवाह ही क्या
मरना कुन्दन हो जाए

साँसे दिलासे ना देती है सनम
जबसे तुमको खोया, खोए हमसे हम
अब तो हर पल ऐसा हाल है
तुझ बिन लम्हें, सौ-सौ साल है
जीवन त्रिविष्टप था, नर्क बना है जो तेरे बिन!

— © विक्रम श्रीराम एडके.
[www.vikramedke.com]

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